Wednesday, September 16, 2009

मेरे खुदा (एक हीं गाना दो रूपों में)


१) यथार्थपरक (realistic)

मुखड़ा:

male:
तू हीं बता, मेरा जहां, तेरे सिवा, होगा कहीं,
बांटे कोई , दर्द-ए-निहां, ऐसा खुदा, होगा कहीं।

female:
तू है मेरा, यही सदा, यही दुआ, होगी मेरी,
तेरी हँसी, तेरी खुशी, मेरे खुदा, होगी मेरी।

अंतरा 1:

female:
ऐसी कहाँ ,होती फ़िज़ा, तू जो यहाँ, होता नहीं,
male:
तेरे बिना, मेरा कहीं, नामो-निशां, होता नहीं।
female:
है ये यकीं, या है गुमां, तू है वफ़ा, मेरे लिए,
male:
वाह रे अदा, तू जो हुई, मुझसे खफ़ा, मेरे लिए।

female:
तू है मेरा, यही सदा, यही दुआ, होगी मेरी.
male:
तू हीं बता, मेरा जहां, तेरे सिवा, होगा कहीं।

अंतरा 2:

male:
मुझको मिली, जो भी खुदी, माह-जबीं, वो है तेरी,
female:
मेरी सभी, नेकी बदी, शाह-ए-जमीं, वो है तेरी।
male:
आओ चलें, साँसों तले, दूजा जहाँ, कोई न हो,
female:
नूर-ए-खुदा, रवाँ रहे, झूठा जहाँ, कोई न हो।

male:
तू हीं बता, मेरा जहां, तेरे सिवा, होगा कहीं,
female:
तू है मेरा, यही सदा, यही दुआ, होगी मेरी|



२) काल्पनिक (fantasy)

मुखड़ा:

male:
यूँ हीं कभी, हो जाए यूँ, तू हो यहाँ, कोई न हो,
मैं बस सुनूँ, तेरी सदा, बाते तेरीं, सोई न हो।

female:
यूँ हीं कभी, हो जाए यूँ, पूरी सदी, पल में खुले,
उमड़े यहाँ, अब्र-ए-नशा, सारा जहां, हममें घुले।

अंतरा 1:

female:
तेरी हँसी , ओढूँ कभी, रूह में तेरी, सो लूँ कभी,
male:
तुझको रखे, बाहों में जो, मैं वो हवा, हो लूँ कभी।

female:
तेरे दिल से, मेरे दिल तक, डालें कभी, रस्ता कोई,
male:
रत्ती भर भी, दूरी हो तो, रहने न दें, दरिया कोई।

मेरे खुदा........................

अंतरा 2:

male:
तेरे लब पे, गुलमोहर की, सुर्ख कली, खिलती रहे,
female:
तेरी जाँ से, साँसें मेरी, बनके नदी, मिलती रहे।
male:
तू जो अगर , धरती न दे, तलवों तले, सूई चुभे,
female:
रेशम भी तो, खार बने, तेरे बिना, रूई चुभे।

मेरे खुदा........................


male:
यूँ हीं कभी, हो जाए यूँ, बाद-ए-सबा, तुझसे चले।
female:
यूँ हीं कभी, हो जाए यूँ, ज़िक्र-ए-वफ़ा, तुझपे ढले।
मेरे खुदा..............


-विश्व दीपक ’तन्हा’

प्रेयसी (एक नए अंदाज़ में)

मुखड़ा:

female:
बस तुझे, हाँ तुझे, देखूँ शामो-सुबह,
तू रहे, सामने, जी लूँ पूरी तरह।

male:
क्या कहूँ, मैं तुझे, मैं हूँ जो भी यहाँ,
रब की सौं, तू हीं है, सब की सारी वज़ह।

female:
इतनी-सी, बात है, तू है मेरा जहां।

अंतरा 1:

female:
ये तो कभी हुआ नहीं, मुझे अपनी फ़िक्र हीं ना रहे।

male:
तुझे पाके हुआ वही, कहीं जिसका जिक्र हीं ना रहे।

female:
आज हीं पाई है, मैने ऐसी दुआ,
तूने ज्योंहि छुआ,
कुछ न कुछ है हुआ।

male:
मैने भी तुझसे हीं सीखी है ये अदा,
सब कहें, प्यार पर, है ये कोई खुदा।

अंतरा 2:

male:
यूँ हीं नहीं तुझे चाहूँ, मुझे तुझमें जश्न कोई दिखे।

female:
है ये वही तेरी चाहत, मुझे जिसमें अगन कोई दिखे।

male:
मेरी तू, तेरा मैं, सच है सनम यही,
अब ये कसम रही,
हो ना जुदा कभी।

female:
बस तुझे, हाँ तुझे, देखूँ शामो-सुबह,
तू रहे, सामने, जी लूँ पूरी तरह।

male:
क्या कहूँ, मैं तुझे, मैं हूँ जो भी यहाँ,
रब की सौं, तू हीं है, सब की सारी वज़ह।

female:
इतनी-सी, बात है, तू है मेरा जहां।


-विश्व दीपक ’तन्हा’

Monday, September 14, 2009

प्रेयसी (एक नया गीत)

मुखड़ा:

female:
शौक़ से साँसों में तेरी आहें रहे,
रात-दिन आँखों में तेरी बातें बहे।

male:
दुधिया चाँद जो सारी रैना चले,
देखके तुझको हीं हौले-हौले जले।

female:
तू जो है साथ में तो क्या कोई छले।

अंतरा 1:

female:
कोई कमी किसी तरह मेरी वफ़ा में जन्म न हो कभी,

male:
नहीं कोई तेरे जैसी तेरी खुशियाँ खत्म न हो कभी।

female:
लाज की आखिरी धानी चुनर तू हीं,
बाली उमर तू हीं,
सीधी डगर तू हीं।

male:
तो अभी प्रेयसी आओ ऐसा करें,
खोल के जिस्म को प्यार सारा भरें।

अंतरा 2:

male:
तेरा दरस मिले सदा मेरी दुनिया तुझी से हो शुरू,

female:
सोचूँ तुझे ख्वाबों तले मेरी निंदिया तुझी से हो शुरू।

male:
होश की मखमली पीली सुबह तू हीं,
गीली सतह तू हीं,
पूरी वज़ह तू हीं।

female:
शौक़ से साँसों में तेरी आहें रहे,
रात-दिन आँखों में तेरी बातें बहे।

male:
दुधिया चाँद जो सारी रैना चले,
देखके तुझको हीं हौले-हौले चले।

female:
तू जो है साथ में तो क्या कोई छले।


-विश्व दीपक ’तन्हा’